संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने के बाद में हाईकोर्ट की तरफ से एक महत्वपूर्ण मामला सामने आया है संविदा के ऊपर रखे हुए संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया गया था जिसके बाद में संविदा कर्मी हाईकोर्ट पहुंचकर और हाई कोर्ट के द्वारा इसमें एक बड़ा निर्णय दिया गया है इस खबर को हम आपको डिटेल वाइस बता रहे हैं ताकि अगर आप संविदा कर्मी है तो इसमें आपको अच्छे से नॉलेज हो सके।
सबसे पहले हम आपको पूरा मामला समझाते हैं दरअसल यह पूरा मामला अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज का है जहां डीन ने संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने का आदेश सर कर दिया था जिसके बाद में जिन पदों पर संविदा कर्मी काम कर रहे थे उन सभी पदों को नियमित नियुक्ति नहीं हुई है इतना ही नहीं डीन ने जिन संविदा कर्मियों को लोक से बाहर किया था उनकी सेवा 31 मार्च 2026 तक थी।
इसके बाद में इस केस में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने संविदा कर्मियों के पक्ष में फैसला सुनाया है कोर्ट की तरफ से संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करने के दिन के आदेश को तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है साथ ही दिन को नोटिस कर जारी करके इसका जवाब मांगा है यहां पर कोर्ट की तरफ से अपने आदेश में लिखा गया है कि जब तक नियमित नियुक्ति नहीं हो जाती संविदा कर्मियों की सेवा को समाप्त नहीं कर सकते कोर्ट ने दिन चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर के आदेश पर रोक भी लगा दी है।
दरअसल अधिष्ठाता शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर सरगुजा द्वारा वायरोलॉजी लैब में सीनियर साइंटिस्ट, जूनियर साइंटिस्ट, लैब टेक्नीशियन, डाटा एंट्री ऑपरेटर, लैब अटेंडेंट, स्वीपर पद पर संविदा भर्ती के लिए वर्ष 2020 में विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किया था। शिवकुमार, हंसा लिंगम, धनंजय, श्रद्धा, पनमेश्वर वृंदावती का चयन डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर किया गया।
अंबिकापुर द्वारा समय-समय पर संविदा सेवा में वृद्धि की जाती रही थी अंतिम सेवावर्ती आदेश 2 अप्रैल 2025 को जारी कर सेवा में 31 मार्च 2026 तक वर्दी की गई थी लेकिन इसके बावजूद भी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर ने 3 अप्रैल 2025 को एक आदेश जारी कर अपरिहार्य कर्म से सेवा वृद्धि को निरस्त कर दिया।
सेवा समाप्त किए जाने के आदेश के खिलाफ संविदा कर्मी हाई कोर्ट पहुंच गए यहां पर अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र महेरे के माध्यम से याचिका दाखिल की गई डीन ने जिन संविदा कर्मियों को समाप्त समाप्त करने का आदेश जारी किया था उसमें डाटा एंट्री ऑपरेटर के साथ अन्य शामिल थे इन पदों की अभी नियमित नियुक्ति नहीं हुई है।
यह है संविदा कर्मी का नियम
याचिकाकर्ता कि अधिवक्ता की तरफ से राज्य शासन द्वारा तय मापदंडो एवं नियमों की जानकारी देते हुए बताया है कि नए नियमों और जारी मापदंडों के अनुसार जब तक नियमित नियुक्ति नहीं हो जाती तब तक वहीं स्टाफ कार्य करते रहेंगे यहां पर चिकित्सा महाविद्यालय अंबिकापुर ने याचिका करता हूं को संविदा वर्दी अवधि पूर्ण होने से पहले बिना कोई कारण बताएं निरस्त कर दिया है जो नियमों की विपरीत है मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने चिकित्सा महाविद्यालय द्वारा जारी आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।